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एस्ट्रो एक्सरे के बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि ज्योतिष में जन्मपत्री का बड़ा महत्व है. तब लगा कि बिना जन्मपत्री वाले लोगों की भी मदद ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से होनी चाहिए. इसलिए काफी खोज के बाद गणना पर आधारित एक ऐसी पद्धति विकसित की है.

सच्चिदानंद/पटना (News18 India). बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को तो आप भली-भांति जानते ही होंगे. उनके पर्ची निकलाने के तरीकों से भी आप परिचित होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि राजधानी पटना में भी एक इंसान है जो पर्ची लिखकर लोगों का भूत, वर्तमान और भविष्य बता देते हैं. जी हां, राजधानी पटना के मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी भी बिना कुछ पूछे लोगों की समस्या और उसका हल बता देते हैं. इसको लेकर लोगों की खूब भीड़ लगती है. इस बारे में डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि एक खास तकनीक के जरिए साधारण जोड़-घटाव कर आप अपने भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में जान सकते हैं. इस तकनीक का नाम एस्ट्रो एक्सरे है.

क्या है यह एस्ट्रो एक्सरे
एस्ट्रो एक्सरे के बारे में ज्योतिषाचार्य डॉ. श्रीपति त्रिपाठी बताते हैं कि उनके पास ऐसे कई लोग आते हैं जिनके पास जन्मपत्री या फिर जन्म का दिन और तारीख का सही अनुमान नहीं होता है. ऐसे में काफी मुश्किलें आती थी. ज्योतिष में जन्मपत्री का बड़ा महत्व है. वह बताते हैं कि मैंने सोचा कि बिना जन्मपत्री वाले लोगों की भी मदद ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से होनी चाहिए. इसलिए काफी खोज के बाद गणना पर आधारित एक ऐसी पद्धति विकसित की है, जिसमें जन्मपत्री की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें अंक से संबंधित कुछ सवाल होते हैं. उनको हल करना होता है और इसके बाद आप अपनी भविष्य की बातें जान सकते हैं, साथ ही ग्रहों का आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. यह भी जान सकते हैं.

क्या है इसकी प्रक्रिया

लोग अपनी समस्या को लेकर डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के पास आते हैं. श्रीपति त्रिपाठी एक सफेद कागज सामने बैठे व्यक्ति को देते हैं, वहीं दूसरी अपने पास रखते हैं. उसके बाद अपने कागज के एक हिस्से में एक अंक का नम्बर और कुछ लिखते हैं और कागज फाड़ कर व्यक्ति को पॉकेट में रखने के लिए दे देते हैं. इसके बाद सामने बैठे व्यक्ति को कोई अंक सोचने को बोलते हैं.

इसके बाद कुछ अलग-अलग स्टेप्स में अंक के साथ जोड़- घटाव करने को बोलते हैं. सारा अंक सामने वाले व्यक्ति अपनी इच्छा से लिखता और जोड़ता-घटाता है. मामूली सा जोड़-घटाव करने के बाद आखिर में एक अंक बचता है. उसके बाद श्रीपति त्रिपाठी उस पर्ची को निकालने के लिए बोलते है जो उन्होंने लिख कर पॉकेट में रखने को दिया था.

पर्ची में मिल जाता है सारा हिसाब-किताब
जैसे ही व्यक्ति उस पर्ची को खोलता है वो चौंक जाता है. उस पर्ची में वो सारे हिसाब-किताब के बाद निकला हुआ वो फाइनल अंक और उसके सामने व्यक्ति जिस समस्या को लेकर श्रीपति के पास आया था वो भी लिखा हुआ रहता है. साथ ही समस्या का समाधान भी लिखा हुआ रहता है. इस तरह बिना कुंडली और जन्मतिथि के आप अपने बारे में सबकुछ जान सकते हैं. इसके बाद कुछ अलग-अलग स्टेप्स में अंक के साथ जोड़- घटाव करने को बोलते हैं. सारा अंक सामने वाले व्यक्ति अपनी इच्छा से लिखता और जोड़ता-घटाता है. मामूली सा जोड़-घटाव करने के बाद आखिर में एक अंक बचता है. उसके बाद श्रीपति त्रिपाठी उस पर्ची को निकालने के लिए बोलते है जो उन्होंने लिख कर पॉकेट में रखने को दिया था.

पर्ची में मिल जाता है सारा हिसाब-किताब
जैसे ही व्यक्ति उस पर्ची को खोलता है वो चौंक जाता है. उस पर्ची में वो सारे हिसाब-किताब के बाद निकला हुआ वो फाइनल अंक और उसके सामने व्यक्ति जिस समस्या को लेकर श्रीपति के पास आया था वो भी लिखा हुआ रहता है. साथ ही समस्या का समाधान भी लिखा हुआ रहता है. इस तरह बिना कुंडली और जन्मतिथि के आप अपने बारे में सबकुछ जान सकते हैं.

Resource: https://hindi.news18.com/news/bihar/patna-like-dhirendra-shastri-these-astrologers-of-patna-also-draw-slips-tell-everything-without-asking-anything-8133272.html

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